Ayurvedic Massage

Ayurvedic Massage

Ayurvedic massages supplies proper circulation, which helps body to rejuvenate and to grow. It gives relaxation and eliminates unwanted toxins from body. It helps all the systems of our body physically. Also it helps to remove energies that store past tensions and emotional problem from mind. Our massage technique provides relaxation, elimination of toxic and helps in proper circulation. Ayurvedic doctors developed a special system of their own that contained knowledge of Ayurvedic system of medicine. Traditional Indians massage is based on ‘Doshas’ and ‘marmas’ these are pressure points. These massages are should only be done under supervision of an ayurvedic doctor.

Marmas- Indian Reflexology

Marmas should be understood as function of the organic principles: ligaments, muscles, bones and joints. The four type of vessels are nerves, lymph, arteries and veins. By making a gentle circular movements with either the forefinger or the middle finger on a marma, toxics eliminates form body.

Ayurvedic Massage Oils

These disperse heat evenly through the body and eliminates friction. This provides nutrients for skin and gives strength to hair follicles. Application of oil to navel before sleep cures dryness of whole body. And when medicated oils are applied at function of spine and skull, these calm the nervous system, strengthen memory and eyesight is also improved.

Massage oils for children and women: 4 cups of sesame oil, and 2 tablespoons of jasmine, wheat germ oil and almond oil.

Massage oil for men:- 4 cups of sesame oil, 2 tablespoons of mustard oil, half teaspoon of asafoetida. Filter the mustard oil, then add 3 tablespoon of turmeric powder and cook until turmeric turn dark brown. Then add to the sesame oil.

Aggravited Dosha primary oil massages

  • Vata      sesame oil
  • Pitta      coconut oil
  • Kafa      Mustard oil or olive oil
  • Babuna (chamomile )      oil is used for relief of muscular pains. Coriander oil removes excess body heat.
  • Ubtan       Indian beauty massage: 40 days of cause, includes specific diet, herbal teas, bath and relaxation
  • Ubtan       Ubtan’ is a paste prepared from nuts, flowers and oils. By giving massage ‘Ubtan’ paste is removed in a cold water bath.

Full Body ‘Ubtan’:

  • 4 table spoon chickpea flower
  • 2 tablespoon of almond oil
  • 1 table spoons of turmeric powder
  • 1 teaspoon of fenugreek powder
  • 1 teaspoon of wheat germ oil
  • ¼ teaspoon of rose oil.

Facial ‘Ubtan’

  • 1 tablespoon of almond paste
  • 1 tablespoon cashew paste
  • One and half teaspoon of pistachio paste
  • 1 tablespoon of wheat germ oil
  • ¼ cup hed
  • 1 tablespoon malai
  • 1 tablespoon of rose water

चर्म रोग दूर करने के आयुर्वेदिक व घरेलू उपाय

चर्म रोग कई प्रकार के होते हैं जैसे दाद, खाज, खुजली, छाछन, छाले, खसरा, फोड़े, फुंसी आदि

चर्म रोग होने के कई कारण हो सकते हैं:

अधिकतर समय धूप में बिताना ,किसी एंटीबायोटिक दवा के खाने से साइड एफेट्स होने पर , महिलाओं में मासिक चक्र अनियमितता की समस्या हो जाने पर ,शरीर में ज़्यादा गैस जमा होने से खुश्की का रोग हो सकता है, अधिक कसे हुए कपड़े पहेनने पर और नाइलोन के वस्त्र पहनने पर भी चमड़ी के विकार ग्रस्त होने का खतरा होता है, नहाने के साबुन में अधिक मात्रा में सोडा होने से , शरीर में खून की खराबी के कारण , गरम और तीखीं चिज़े खाने पर ,आहार ग्रहण करने के तुरंत बाद व्यायाम करने से , उल्टी, छींक, डकार, वाहर, पिशाब, और टट्टी इन सब आवेगों को रोकने से चर्म रोग होने का खतरा रहता है, शरीर पर लंबे समय तक धूल मिट्टी और पसीना जमें रहने से भी चर्म रोग हो सकता है ,और भोजन के बाद विपरीत प्रकृति का भोजन खाने से कोढ़ का रोग होता है। (उदाहरण – आम का रस और छाछ साथ पीना)।

त्वचा रोग के लक्षण

दाद-खाज होने पर चमड़ी एकदम सूख जाती है, और उस जगह पर खुजलाने पर छोटे छोटे दाने निकल आते हैं। समान्यतः किसी भी प्रकार के चर्म रोग में जलन, खुजली और दर्द होने की फरियाद रहती है। शरीर में तेजा गरमी इकट्ठा होने पर चमड़ी पर सफ़ेद या भूरे दाग दिखने लगते हैं या फोड़े और फुंसी निकल आते हैं और समय पर इसका उपचार ना होने पर इनमें पीप भी निकलनें लगता है।

त्वचा रोग होने पर भोजन में परहेज़ :

त्वचा रोग होने पर बीड़ी, सिगरेट, शराब, बीयर, खैनी, चाय, कॉफी, भांग, गांजा या अन्य किसी भी दूसरे नशीले पदार्थों का सेवन ना करें, बाजरे और ज्वार की रोटी बिलकुल ना खाएं , शरीर की शुद्धता का खास खयाल रक्खे, समय पर सोना, समय पर उठना, रोज़ नहाना, और धूप की सीधी किरणों के संपर्क से दूर रहना आवश्यक है। भोजन में अचार, नींबू, नमक, मिर्च, टमाटर तैली वस्तुएं, आदि चीज़ों का सेवन बंद कर देना चाहिए। चर्म रोग में कोई भी खट्टी चीज़ खाने से रोग तेज़ी से पूरे शरीर में फ़ेल जाता है।

अगर खाना पचने में परेशानी रहती हों, या पेट में गैस जमा होती हों तो उसका उपचार तुरंत करना चाहिए। और जब यह परेशानी ठीक हो जाए तब कुछ दिनों तक हल्का भोजन खाएं ।

खराब पाचनतत्र वाले व्यक्ति को चर्म रोग होने के अधिक चान्सेस  होते हैं।

त्वचा की किसी भी प्रकार की बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को हररोज़ रात को सोने से पूर्व एक गिलास हल्के गुनगुने गरम दूध में, एक चम्मच हल्दी मिला कर दूध पीना चाहिए।

त्वचा रोग में आयुर्वेदिक व घरेलू उपचार  :

  • नहाते समय नीम के पत्तों को पानी के साथ गरम कर के, फिर उस पानी को नहाने के पानी के साथ मिला कर नहाने से चर्म रोग से मुक्ति मिलती है।
  • नीम की कोपलों (नए हरे पत्ते) को सुबह खाली पेट खाने से भी त्वचा रोग दूर हो जाते हैं।
  • त्वचा के घाव ठीक करने के लिए नीम के पत्तों का रस निकाल कर घाव पर लगा कर उस पर पट्टी बांध लेने से घाव मिट जाते हैं। (पट्टी समय समय पर बदलते रहना चाहिए)।
  • मूली के पत्तों का रस त्वचा पर लगाने से किसी भी प्रकार के त्वचा रोग में राहत हो जाती है।
  • प्रति दिन तिल और मूली खाने से त्वचा के भीतर जमा हुआ पानी सूख जाता है, और सूजन खत्म खत्म हो जाती है।
  • मूली का गंधकीय तत्व त्वचा रोगों से मुक्ति दिलाता है।
  • मूली में क्लोरीन और सोडियम तत्व होते है, यह दोनों तत्व पेट में मल जमने नहीं देते हैं और इस कारण गैस या अपचा नहीं होता है।
  • मूली में मेग्नेशियम की मात्रा भी मौजूद होती है, यह तत्व पाचन क्रिया नियमन में सहायक होता है। जब पेट साफ होगा तो चमड़ी के रोग होने की नौबत ही नहीं होगी।
  • हर रोज़ मूली खाने से चहरे पर हुए दाग, धब्बे, झाईयां, और मुहासे ठीक हो जाते हैं।
  •  सेब के रस को लगाने से उसमें राहत मिलती है। प्रति दिन एक या दो सेब खाने से चर्म रोग दूर हो जाते हैं। त्वचा का तैलीयपन दूर करने के लिए एक सेब को अच्छी तरह से पीस कर उसका लेप पूरे चहरे पर लगा कर दस मिनट के बाद चहरे को हल्के गरम पानी से धो लेने पर “तैलीय त्वचा” की परेशानी से मुक्ति मिलती है।
  • खाज और खुजली की समस्या में ताज़ा सुबह का गौमूत्र त्वचा पर लगाने से आराम मिलता है।
  • जहां भी फोड़े और फुंसी हुए हों, वहाँ पर लहसुन का रस लगाने से फौरन आराम मिल जाता है।
  • लहसुन और सूरजमुखी को एक साथ पीस कर पोटली बना कर गले की गांठ पर (कण्ठमाला की गील्टियों पर) बांध देने से लाभ मिलता है।
  • सरसों के तेल में लहसुन की कुछ कलीयों को डाल कर उसे गर्म कर के, (हल्का गर्म) उसे त्वचा पर लगाया जाए तो खुजली और खाज की समस्या दूर हो जाती है।
  • सूखी चमड़ी की शिकायत रहती हों तो सरसों के तैल में हल्दी मिश्रित कर के उससे त्वचा पर हल्की मालिश करने से त्वचा का सूखापन दूर हो जाता है।
  • हल्दी को पीस कर तिल के तैल में मिला कर उससे शरीर पर मालिश करने से चर्म रोग जड़ से खत्म होते हैं।
  • चेहरे के काले दाग और धब्बे दूर करने के लिए हल्दी की गांठों को शुद्ध जल में घिस कर, उस के लेप को, चेहरे पर लगाने से दाग-धब्बे दूर हो जाते हैं।
  • करेले के फल का रस पीने से शरीर का खून शुद्ध होता है। दिन में सुबह के समय बिना कुछ खाये खाली पेट एक ग्राम का चौथा भाग “करेले के फल का रस” पीने से त्वचा रोग दूर होते हैं।
  • दाद, खाज और खुजली जैसे रोग, दूर करने के लिए त्वचा पर करेले का रस लगाना चाहिए।
  • रुई के फाये से गाजर का रस थोड़ा  कर के चहेरे और गरदन पर लगा कर उसके सूखने के बाद ठंडे पानी से चहेरे को धो लेने से त्वचा  साफ और चमकीली बन जाती है।
  • प्रति दिन सुबह एक कप गाजर का रस पीने से हर प्रकार के त्वचा रोग दूर होते हैं। सर्दियों में त्वचा सूखने की समस्या कई लोगों को होती है, गाजर में विटामिन A भरपूर मात्रा में होता है, इस लिए रोज़ गाजर खाने से त्वचा का सूखापन दूर होता है।
  • पालक और गाजर का रस समान मात्रा में मिला कर उसमें दो चम्मच शहद  मिला कर पीने से, सभी प्रकार के चर्म रोग नाश होते हैं।
  • गाजर का रस संक्रमण दूर करने वाला और किटाणु नाशक होता है, गाजर खून को भी साफ करता है, इस लिए रोज़ गाजर खाने वाले व्यक्ति को फोड़े फुंसी, मुहासे और अन्य चर्म रोग नहीं होते हैं।
  • काली मिट्टी में थोड़ा सा शहद मिला कर फोड़े और फुंसी वाली जगह पर लगाया जाए तो तुरंत राहत हो जाती है।
  • फुंसी पर असली (भेग रहित) शहद लगाने से फौरन राहत हो जाती है।
  • शहद में पानी मिला कर पीने से फोड़े, फुंसी, और हल्के दाग दूर हो जाते हैं।
  • सेंधा नमक, दूध, हरड़, चकबड़ और वन तुलसी को समान मात्रा में ले कर, कांजी के साथ मिला कर पीस लें। तैयार किए हुए इस चूर्ण को दाद, खाज और खुजली वाली जगहों पर लगा लेने से फौरन आराम मिल जाता है।
  • हरड़ और चकबड़ को कांजी के साथ कूट कर, तैयार किए हुए लेप को दाद पर लगाने से दाद फौरन मीट जाता है।
  • पीपल की छाल का चूर्ण लगा नें पर मवाद निकलने वाला फोड़ा ठीक हो जाता है। चार से पाँच पीपल की कोपलों को नित्य सुबह में खाने से एक्ज़िमा रोग दूर हो जाता है। (यह प्रयोग सात दिन तक लगातार करना चाहिए)।
  • नीम की छाल, सहजन की छाल, पुरानी खल, पीपल, हरड़ और सरसों को समान मात्रा में मिला कर उन्हे पीस कर उसका चूर्ण बना लें। और फिर इस चूर्ण को गौमूत्र में मिश्रित कर के त्वचा पर लगाने से समस्त प्रकार के जटिल त्वचा रोग दूर हो जाते हैं।
  • अरण्डी, सौंठ, रास्ना, बालछड़, देवदारु, और बिजौरे की छड़ इन सभी को बीस-बीस ग्राम ले कर एक साथ पीस लें। उसके बाद इन्हे पानी में मिला कर लेप तैयार कर लें और फिर उस लेप को त्वचा पर लगा लें। इस प्रयोग से समस्त प्रकार के चर्म रोग दूर हो जाते हैं।
  • खीरा खाने से चमड़ी के रोग में राहत मिलती है। ककड़ी के रस को चमड़ी पर लगाने से त्वचा से मैल दूर होता है, और चेहरा चमकता  है। ककड़ी का रस पीने से भी शरीर को लाभ होता है।
  • प्याज को आग में भून कर फोड़ों और फुंसियों और गाठों पर बांध देने से वह तुरंत फुट जाती हैं। अगर उनमें मवाद भरा हों तो वह भी बाहर आ निकलता है। हर प्रकार की जलन, सूजन और दर्द इस प्रयोग से ठीक हो जाता है। इस प्रयोग से इन्फेक्शन का जख्म भी ठीक हो जाता है। प्याच को कच्चा या पक्का खाने से त्वचा में निखार आता है।
  • प्रति दिन प्याज खाने वाले व्यक्ति को लू कभी नहीं लगती है।
  • पोदीने और हल्दी का रस समान मात्रा में मिश्रित कर के दाद खाज खुजली वाली जगहों पर लगाया जाए तो फौरन राहत मिल जाती है।
  • पिसा हुआ पोदीना लेप बना कर चहेरे पर लगाया जाए और फिर थोड़ी देर के बाद चहेरे को ठंडे पानी से धो लिया जाए तो चहेरे की गरमी दूर हो जाती है, तथा स्किन चमकदार बनती है।
  • अजवायन को पानी में उबाल कर जख्म धोने से उसमे आराम मिल जाता है।
  • गर्म पानी में पिसे हुए अजवायन मिला कर, उसका लेप दाद, खाज, खुजली, और फुंसी पर लगाने से फौरन आराम मिल जाता है।
  • नमक मिले गर्म पानी से त्वचा को धोने या सेक करने से हाथ-पैर और ऐडियों की दरारें दूर होती हैं और दर्द में फौरन आराम मिल जाता है।
  • गरम पानी में नमक मिला कर नहाने से सर्दी के मौसम में होने वाले त्वचा रोगों के सामने रक्षण मिलता है। और अगर रोग हो गए हों तो इस प्रयोग के करने से रोग समाप्त हो जाते हैं।

अधिक जानकारी के लिए या इलाज के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लें .

ECZEMA AYURVEDIC VIEW & REMEDIES

In Eczema skin rashes appears  that have redness, dryness,  swelling, itching, and flaking. The skin itches and results in a rash when scratched.This disease is known as Vicharchika in ayurveda. When the immune system becomes unbalanced then It occurs.  And  is often associated with other allergic conditions like  hay fever and  allergic asthma, etc. Genetic factors, climate, debility,  and psychological factors can also aggravate the condition.

Causes of Eczema

Excessive consumption of foods that are dry, cold, stale,  salty, sour, spicy,  fermented or fried, late night working, regular late night meal, excessive physical, mental, and sexual activities. Stress can also be responsible in cause of  eczema. Excessive intake of tea, coffee , alcoholic beverages, aerated drinks, indigestion, constipation, acidity,  flatulence too can lead to eczema.

Symptoms of eczema

  • Redness on skin
  • Rough and thickened skin
  • Dry and flaky skin
  • Itching
  • Itchy blisters
  • Inflammation of skin

Ayurvedic View on Eczema

According to Ayurveda it is caused due to  faulty diet and lifestyle, which cause  impairment of digestion and aggravation of Pitta Dosha which is Ayurvedic humor representing  the Fire. Pitta  causes accumulation of heating toxins known as ama and manifests in the skin. These toxins accumulate in body  tissues where these  contaminate at a deep level and cause Eczema. Use of local creams, antibiotics and steroids only relieve  the symptoms but they do not affect the root cause of this disease andbecause of this  problem mostly  reappears.Individualized treatment plan for patients is recommended in ayurved which  includes  proper diet and specialized herbal combinations of medicines.  Pitta is pacified  by enhancing the body’s digestion, and cleansing the body from accumulated toxins.

What one should do for relief :

  • Avoid spicy or oily food also  hot and  humid atmosphere.
  • One should wear loose, cotton clothes and avoid synthetic fibers because they inhibit perspiration.
  • Avoid soap and use mild herbal soap for bathing.
  • Use a soft and smooth towel and avoid rubbing the skin.
  • Avoid hot spices, tea, coffee,and preserved and canned foods.
  • Practice Bhujangasan and Agnisaar Pranayam to enhance your body’s immunity.

Home Remedies to get  relief :

  • Prepare a decoction by boiling 25-35 margosa (neem) leaves in about 5-6 cups of water for 20 minutes. Let it cool and use this water to wash the affected area.
  • Mix 1 teaspoon licorice root powder with a small amount of sesame oil. Warm this in a pan and then apply to the affected part. Wrap a bandage over it and leave for 3-4 hours. Repeat twice a day.
  • Boil 30 grams of Indian gum tree (babul) bark and 30 grams of mango tree bark in 1 liter of water for 30 minutes. Use this water to make a hot compress (fomentation) on the affected part. After fomentation for about 15-20 minutes, clean the skin with dry cloth and apply purified butter as an ointment.

छाइयों का समाधान आयुर्वेद के साथ ।

आज कल का युग प्रतयोगिता का युग है , हर कोई एक दुसरे से अच्छा एवं खूबसूरत दिखना चाहता है । पर बीसी लाइफ के कारण कई बार हम अपने अप पर ध्यान नहीं दे पाते जिसके कारण कई बार चेहरे पर दाग ,आँखों के नीचे काले घेरे या छाइयां बन जाती हैं । पुरुषों एवं महिलाओं दोनों में यह समस्सया अ सकती है । हम खुबसूरत दिखने के लिए मेकअप का सहारा लेते  है । पर असली सुन्दरता है बिना मेकअप के भी आपका चेहरा स्वास्थ एवं साफ़ रहे ।

छाइयों के कारण :

जब हमारे शारीर मैं कैल्सियम , मेगनीसियम या आयरन की कमी हो जाती है तब आँखों के निचे काले घेरे या चेहरे पर दाग से बनने लगते हैं ।

शारीर में खून साफ़ न होने से भी छाइयां ही सकती हैं और चेहरा काला सा दिखने लगता है ।

धूल मिट्टी के संपर्क में रहने से भी चेहरे का ग्लो कम हो जाता है ।

पेट साफ़ न होना या कब्ज का रहना ।

कम पानी पीना ।

संतुलित आहार न लेना ।

नींद कम आना ।

तनाव एवं सिरदर्द रहना ।

छाइयों को दूर करने के घरेलु उपाय :

तरल पदार्थ अधिक लें जेसे जूस , सूप और खूब सारा पानी पिएँ ।

अनार का जूस पिएँ इससे खून की कमी पूरी होगी और विटामिन्स और मिनरल्स पुरे होंगे ।

रोजाना बादाम के तेल की मालिश करें इससे विटामिन ए मिलेगा ।

रीठे के शिल्कों को पानी में पीस कर लगायें और दुसरे हफ्ते तुलसी के पत्तों को पीस कर उपयोग करें ।

दिन में एक बार शहद एवं सिरके का उपयोग करें ।

अंडे के सफ़ेद भाग को फेंट कर इसमें बादाम का पेस्ट एवं कुछ बुँदे शहद की डालें और 20 मिनट तक चेहरे पर लगा के रखें ।

कच्चे दूध में आधा छोटा चम्मच हल्दी एवं चन्दन पाउडर मिलकर लगायें ।

छाइयां ठीक ना होने पर आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह लें आयुर्वेद में फेस पैक और दवाई से छाइयों बिलकुल ठीक हो जाती हैं , केसर , चंदन , फूलों के पराग अदि दवाओं से 100% इलाज संभव है .

कील मुहांसे मिटाने के आयुर्वेदिक घरेलु उपाय ।

चेहरे के मुहांसे युवाओं एवं बड़ो को बहुत परेशान करते हैं काफी एलोपैथिक दवाएं खाने के बाद भी कभी कभी ये जड़ से ख़तम नहीं होते और दुबारा अ जाते हैं । कई बार ट्रीटमेंट के गलत परिणाम भी आ जाते हैं या किसी तरह का साइड इफ़ेक्ट हो सकता है । चेहरे की त्वचा में तेल ग्रन्थियों में तेल और गन्दगी मिलकर त्वचा के छिद्र बंद देते हैं और बेक्टीरिया के कारण इन्फेक्शन होने से कील या मुहांसे बन जाते हैं । मुहांसे युवाओं में हार्मोनल के कारण भी हो सकते है । कई बार काफी सरे मुहांसों के कारण चेहरा ख़राब भी हो सकता है । लापरवाही से आगे जाकर ये काले दाग और धब्बे बन सकते हैं । आहार ठीक न होने से तली चीजें और मसालेदार खाने से शारीर में गर्मी अधिक हो जाने से भी मुहांसे अ जाते हैं । अधिक कॉस्मेटिक्स के प्रयोग से भी ये समस्सया हो सकती है । कब्ज रहने से शारीर में पित्त दोष की अधिकता हो जाती है और यह दूषित रक्त के साथ मिलकर मुहांसे उत्पन्न कर देता है ।

कारण :

#हार्मोन्स  परिवर्तन ।

#तेलीय त्वचा ।

#किसी चीज से एलर्जी ।

#ज्यादा ऑयली भोजन खाना ।

#पेट की बिमारियों के कारण ।

#कास्मेटिक प्रोडक्ट के साइड इफ़ेक्ट से ।

#कम पानी पीना ।

#धूल और गन्दगी के संपर्क में रहना ।

 

कुछ घरेलु उपाय

#पुदीना भी कील मुहांसो को दूर करने की  कारगर औषधि है।  पुदीने में मौजूद मेंथोल त्वचा को स्वस्थ बनाता है और कील मुहांसो को दूर           भगाता है।  पुदीने की पत्तियों का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाए और आधे घंटे बाद ठंडे पानी से धो ले।  आपकी त्वचा साफ़ सुथरी और                तरोताजा हो जाएगी।

#निम्बू के रस में गुलाब का जल बराबर मात्रा में डालकर मिश्रण तैयार कर चेहरे पर लगें अध घंटा रखे फिर ताजे पानी से धो लें , इसे लगातार      15 से 20 दिन तक करें ।

#नहाने से पहले निम्बू के छिलके से मालिश करें , सूखने पर गुनगुने पानी से धो लें ।

#चेहरे पर भाफ का उपयोग करें इससे भी चेहरे पर ताजगी आयेगी और रोम छिद्र खुल जाएँगे एवं साफ़ होंगे ।

#जैफल को गए के दूध के साथ घिस कर लेप बनाकर लेप करें कुछ देर रहने क बाद हलकी मालिश करते हुए निकाल दें कुछ ही दिनों में आप    असर महसूस करेंगे ।

#जेतून के तेल की मालिश से भी चेहरे के मुंहासे एवं मुन्हान्सो के निशान ठीक होते हैं ।

#नीम के पढ़ की क्षाल को घिस कर लेप बनाकर लगाएं ।

#तुलसी की कुछ पत्तियां लेकर उसमे थोड़ा सा गरम पानी  डालकर उसका पेस्ट बना ले।  अब इस पेस्ट को लगातार 3 हफ्तों तक चेहरे पर          लगाए।  पेस्ट को चेहरे पर 10 मिनट तक रखना है और फिर उसके बाद इसे पानी से धो ले।  इस पेस्ट के लगातार प्रयोग से कील. मुहासे           एकदम ठीक हो जाते है।

#मुहांसों को रोकने के लिए पानी अधिक पिएँ ,फल और सब्जि अधिक लें ,पूरी नींद लें, त्वचा को बार बार धोते रहें और बिलकुल साफ़ रखें ।

#चेहरे को ठंडे पानी से धोकर उस पर बारीक़ चीनी और शहद का पेस्ट बनाकर 10 मिनट तक मसाज कीजिये।  आपके चेहरे से सारी मृत          त्वचा और कील मुँहासे साफ़ हो जायेंगे।

#एक चम्मच चने की दाल लेकर इसे दरदरा पीस ले और गुलाब जल और थोड़ा  दूध मिलाकर पेस्ट बना ले।   इस पेस्ट को चेहरे पर लगाकर        20  मिनट तक सुखाये  और सूखने पर गुनगुने पानी  से धो ले।  सब कील मुँहासे पेस्ट को धोते वक़्त निकलने शुरू हो जायेंगे और आपका        चेहरा साफ़ लगने लगेगा।

Herbal Treatment For Fungal Infection

Suffering from Peeling or Cracked Skin …? Get Herbal Treatment For Your Fungal Infection

Fungal infections, which are also known as mycoses, occur when a fungal agent enters through the protective shield of skin on the body and establishes an infection.

Fungal infections can be classified according to the part of the body that is infected.

  • A superficial mycosis is an infection that affects the outer layers of skin and hair.
  • A cutaneous mycosis infects the epidermal layer of the skin, which is slightly deeper than the parts of the skin that are affected by a superficial infection. Cutaneous infections can also invade deeper into the keratinized layers of the nails and hair.
  • A subcutaneous infection occurs even deeper in the body, in the dermis of the skin, the subcutaneous tissues, the muscle and the fascia.
  • A systemic infection affects the organs of the body.

 

Symptoms of fungal infection

• Peeling Skin
• Cracked Skin
• Redness
• Blisters
• Burning
• Itching
• Breakdown and Softening of Skin Tissues.

Home Remedies to Get Rid of Skin Fungus 

Use Apple Cider Vinegar :- Apple cider vinegar is great medicine for ringworm. Apple cider vinegar has antiseptic properties that will help the fungus to diminish.

Use Tea Tree Oil :- Tea tree oil is another great natural antiseptic and is known to cure fungal infections in the skin. Make sure that the skin is clean and dry before using any type of ointment on a fungal infection.

Use Hydrogen Peroxide :- Hydrogen peroxide is a great thing to have around the house. It is great for cleaning out infections in cuts and is also known to help clear up fungal infections of the skin.

 

Natural Home Remedies for Fever Blisters

Get Rid Of Fever Blisters With Herbal Treatment And Few Home Remedies

Fever blisters are very painful sores which occur generally on lips, cheeks, chin, fingers, nostrils, or even genitals. These are caused by a virus, named as herpes simplex. Fever blisters are contagious, and are usually mistaken to be canker sores which are actually mouth ulcers and occur inside the mouth. Before going for any medication, you can also use the ingredients available on your kitchen counter to get rid of the fever blisters.

 

Causes of Fever Blisters

 

  • Kissing, hugging or close contact with a person, having fever blisters

 

  • Through indirect contact, like sharing a towel/handkerchief or lip balm of the infected person

 

  • Dental treatment

 

  • Virus can easily spread through cuts or bruises on the skin

 

  • Cosmetic surgery

 

  • Hormonal changes

 

  • Lip injury

 

  • Stress

 

Natural Home Remedies for Fever Blisters

Herbal Treatment for Fever Blisters

Following are the remedies in order to get rid of fever blisters fast and easy way at home:

Use Egg and Yoghurt :- Egg and yoghurt will help in soothing the fever blister to a great extent possible. A facial mask of egg and yoghurt can be made and applied on the blisters. You just need to mix 1 egg with one cup of yoghurt and a bit of honey into it.

 

Use Warm Tea Bag :- Gently press a warm tea bag on the blister for about 30 minutes. Repeat this process several times a day for the best result.

 

Apply Ice :- Applying ice is the simplest home remedy for treating fever blisters on lips. Gently rub ice on the blister for few minutes after every hour. Repeat this process until the blister lessens.

 

Use Lemon Balm Tea :- Lemon balm is one of the best treatments for fever blisters.

For its best effect make lemon balm tea and soak a cotton ball into it. Now, apply it on the blister.

Skin- Ayurvedic Skin Care

The skin is mirror of inner health of an individual. Skin includes the sense organs and the senses of touch, temperature, pain, pressure. Skin becomes dull and blemished if not properly cared and lead to premature aging.

Common skin problems are: Acne, pimples, pigmentation, premature aging etc.

Ideal Skin characteristics:

  • Soft, thin, oily, smooth and lustrous skin
  • Black and smooth eye lashes and eye brows
  • Thin, scanty, soft, oily, black and deep-rooted hairs
  • Oily mouth, palate, tongue, lips.
  • Wound heel quickly

Ayurvedic Treatment and Remedies: – In Ayurvedic approach the first step is to identify ayurvedic skin type.

Vata Skin Type:-If ‘Vata’ is predominant then the skin of individual is dry, rough, cold, wrinkled and thin with fine pores. Vata type skin is dry, rough and may age faster.

Vata Skin care and treatment:- Skin should be nourished on a regular bases otherwise it will lead to dry, delicate and lose tone and plumpness prematurely. One must use the combination of essential oils and herbs for proper skin care. Skin must be hydrated so a good quantity of water and liquid intake is necessary. Eating regular meals helps in balancing the ‘Vata’ and nourish the skin, individual must also avoid physical and emotional stress.

Pitta Skin Type: – If Pitta is predominant the skin is, sensitive, fair, soft, warm, and less tolerant to hot food and burns easily, and of medium thickness. When ‘Pitta’ aggravates then skin rashes, acne, sunspots may occur.

Pitta Skin Care and Treatment: – Skin needs protection because it is sensitive, especially to the sun. This skin type needs cooling as well as nourishment. Steaming treatments should be avoided in this skin type. Individual must intake a good quantity of water and liquids. Avoid oily and spicy food and must use suns cream lotions on exposure to sun.

Kapha Skin Type:- This type of skin is mostly oily, cold, heavy, soft, slow, dense, dull, lubricating and thick large pore.

Kapha Skin Type care and treatment:- Because of its oily nature it attracts impurities and is mostly full of toxin build up skin tends to break out so it should be cleansed from inside as well as outside.

Detoxification should be internal and external. For internal detoxification ‘Vamana’ is prescribed, which should be done in guidance of specialist Ayurvedic and Panchkarma Doctors.

Acne

It is a common skin disorder; it affects the largest oil containing areas. The affected area becomes inflamed and infected.

According to Ayurveda

It is due to aggravation of Pitta Dosha.
Causes

  • Excessive intake of tea, coffee, alcohol, spicy, oily and fried food.
  • Tension, stress and depression
  • Pollution
  • Hormonal imbalance
  • Unhygienic life style.

Symptoms

Acne, pimples, boils, rashes on face, irritation, redness on face, it mostly occurs in teenagers.

Natural Home Remedies

  • Drink 10-15 glasses of water daily.
  • Keep hygienic conditions, self cleansing of face
  • Eat balanced diet, eat food like carrot, pumpkin, yellow-orange fruits.
  • Application of cucumber, mixed juice of carrot or lettuce
  • Use Aloe Vera
  • Apply paste of fenugreek leaves to remove old pimples scars
  • Almond oil reduces redness and inflammation of the skin
  • Avoid hot, spicy, junk food
  • Application of cucumber, mixed juice of carrot or lettuce
  • Avoid heavy chemical based soaps
  • Use herbal soaps